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संरचनात्मक परिवर्तन Important long and short Question CHAPTER – 1 Book 2 sociology structural change sanrachanatmak parivartan

संरचनात्मक परिवर्तन Important long and short Question


प्रश्न - अंग्रेजी भाषा ने हमारे समाज पर क्या प्रभाव डाला?

उत्तर -

  • अंग्रेजी भाषा के बहुआयामी प्रभाव से हम परिचित है
  • भारतीयों ने अंग्रेजी में कई उत्कृष्ट रचनाए भी की है 
  • अंग्रेजी के ज्ञान के कारण ही भारत को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक विशेष स्थान प्राप्त हुआ है
  • अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अनेक वंचित समूहों के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है 
  • अंग्रेजी आज भी विशेषाधिकारों का द्योतक है जिसे अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं है उसे रोजगार के क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है 
  • पुरानी शिक्षा व्यवस्था में दलितों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ा था
  • अंग्रेजी के ज्ञान से अब दलितों के लिए अवसरों के द्वार खुल गए है



प्रश्न -उपनिवेशवाद क्या है?

उत्तर -

  • एक देश द्वारा दूसरे देश पर शासन ही उपनिवेशवाद कहलाता है
  • आधुनिक काल में ब्रिटिश उपनिवेशवाद का सबसे ज्यादा प्रभाव रहा है



प्रश्न - पाश्चात्य शिक्षा प्रणाली का भारत में क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर -

  • आधुनिक शिक्षा का विकास
  • प्रशासनिक और न्यायिक प्रणाली का विकास
  • सामाजिक सुधार आंदोलनों का उदय
  • राष्ट्रवाद का उदय
  • नई पेशेवर वर्ग का उदय
  • परंपरागत शिक्षा प्रणाली का पतन



 

प्रश्न - पूंजीवाद किसे कहा जाता है?

उत्तर -

  • एक ऐसी व्यवस्था जिसमे उत्पादन के साधन का स्वामित्व कुछ विशेष लोगों के हाथों में होता है 
  • ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने पर जोर दिया जाता है
  • ज्यादा से ज्यादा लाभ सुनिश्चित करता है  



प्रश्न - औद्योगीकरण तथा शहरीकरण की परिभाषा लिखें?

उत्तर -

1. औद्योगीकरण 

  • किसी देश या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर मशीनों, तकनीकी विकास, और उद्योगों की स्थापना द्वारा आर्थिक और सामाजिक बदलाव लाना।
  • यांत्रिक उत्पादन का उदय ,उत्पादन अमानवीय संसाधनों पर निर्भर होता है जैसे वाष्प या विद्युत 

2. शहरीकरण 

  • शहरीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शहरों की ओर पलायन करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप शहरी आबादी में वृद्धि होती है और शहरों का विस्तार होता है। 
  • यह प्रक्रिया आर्थिक, सामाजिक, और भौतिक संरचना में बदलाव लाती है।



प्रश्न - ब्रिटेश औद्योगीकरण का भारतीय उद्योगों पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर -

  • ब्रिटेन में उत्पादन और निर्माण बढ़ा उसके विपरीत भारत में गिरावट आयी
  • पुराने नगरीय केंद्रों का पतन
  • रेशम और कपास का उत्पादन और निर्यात कम होता चला गया 
  • भारत के प्राचीन नगर सूरत और मसुलीपटनम का अस्तित्व कमजोर होता चल गया
  • कुछ आधुनिक नगरों का विकास होना शुरू हुआ 
  • कार्यरत कारीगर कलाकार और कुलीन वर्ग का पतन होता चला गया 



प्रश्न - आजादी के बाद भारत में औद्योगीकरण किस प्रकार हुआ।

उत्तर -

  • भारत में औद्योगीकरण और नगरीकरण में औपनिवेशिक शासन की भूमिका महत्वपूर्ण थी
  • भारतीय राष्ट्रवादियों के लिए औपनिवेशिक शासन के दौरान हुआ आर्थिक शोषण एक केंद्रीय मुद्दा था।
  • उपनिवेशवाद से पहले के भारत की जो तस्वीर कथा-साहित्य आदि में दिखती थी उसमें समृद्धि और संपन्नता थी। 
  • लेकिन उपनिवेशवाद के बाद के भारत में गरीबी दिखाई देती थी।
  • स्वदेशी आंदोलन ने भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रति निष्ठा को मजबूत किया।
  • आधुनिक विचारों के द्वारा लोगों ने अनुभव किया कि गरीबी को दूर किया जा सकता है।
  • भारतीय राष्ट्रवादियों के अनुसार तीव्र और वृहद औद्योगीकरण के द्वारा आर्थिक स्थिति में सुधार किए जा सकते हैं जिनसे विकास और सामाजिक न्याय हो पाएगा। 
  • भारी मशीनीकृत उद्योगों का विकास हुआ। 
  • इन्हें बनाने वाले उद्योग, पब्लिक सेक्टर के विस्तार और बड़े को-ऑपरेटिव सेक्टर को महत्वपूर्ण माना गया।
  • जवाहरलाल नेहरू ने सोच रखा था, आधुनिक और समृद्धिशील भारत की नींव वृहद लौह-इस्पात उत्पादक उद्योगों या विशाल बाँधों और विद्युत शक्ति के केंद्रों पर रखी जानी थी।



प्रश्न - औद्योगिक क्षरण क्या है?

उत्तर -

  • औद्योगिक क्षरण से तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जिसमें किसी क्षेत्र या देश की औद्योगिक गतिविधियों में कमी या गिरावट आने लगती है। 
  • यह तब होता है जब उद्योगों का उत्पादन कम हो जाता है, फैक्ट्रियां बंद हो जाती हैं, और श्रमिकों की नौकरियां चली जाती हैं।



प्रश्न - पाश्चात्य व भारतीय औद्योगीकरण के पैटर्न में अन्तर बताइए।

उत्तर -

  • यूरोप और अमेरिका में औद्योगीकरण 18वीं शताब्दी के अंत और 19वीं शताब्दी की शुरुआत में शुरू हुआ। इसे "औद्योगिक क्रांति" के रूप में जाना जाता है, जिसने उत्पादन के तरीकों में भारी परिवर्तन लाया।
  • भारत में औद्योगीकरण ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में शुरू हुआ, लेकिन यह पश्चिमी देशों के औद्योगीकरण की तुलना में काफी धीमा था।
  • पश्चिमी देशों का औद्योगीकरण मुख्य रूप से पूंजीवाद के आधार पर हुआ, जिसमें निजी उद्योगों और बाजार की ताकतों का वर्चस्व था।
  • भारत में औद्योगीकरण का विकास मिश्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल पर आधारित था, जहां सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों ने समान रूप से भूमिका निभाई।
  • पश्चिमी देशों में औद्योगीकरण का एक प्रमुख कारक तकनीकी नवाचार था। नई मशीनरी, इंजन और उत्पादन के आधुनिक तरीकों ने औद्योगिक उत्पादन में क्रांति ला दी।
  • भारत में शुरुआती औद्योगीकरण ब्रिटिश प्रौद्योगिकी पर निर्भर था।
  • पश्चिमी देशों में भारी उद्योग, जैसे इस्पात, कोयला, और मशीनरी, ने औद्योगीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • भारत में औद्योगीकरण के प्रारंभिक चरण में कपड़ा उद्योग का प्रमुख योगदान था। बाद में भारी उद्योगों और प्रौद्योगिकी उद्योगों में विकास हुआ।
  • पश्चिमी देशों में औद्योगीकरण के दौरान श्रमिक आंदोलनों, यूनियनों और श्रमिक अधिकारों का उभार हुआ।
  • भारत में औद्योगीकरण के दौरान श्रमिकों की स्थितियां कठिन रहीं, और अभी भी अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की समस्याएं अधिक है।



प्रश्न - उपनिवेशवाद ने हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया?

उत्तर -

  • औपनिवेशिक शासन के दौरान भारतीय जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए, जिनके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों परिणाम देखने को मिले। 
  • आधुनिक विचारों एवं संस्थाओं की शुरुआत
  • संसदीय, विधि एवं शिक्षा व्यवस्था
  • सड़कों पर बाई तरफ चलना
  • सड़क के किनारे रेहड़ी व गाड़ियों पर ब्रेड आमलेट, कटलेट जैसी खाने की चीजों का मिलना 
  • भारत में बिस्किट कंपनी ब्रिटेनिया का नाम ब्रिटेन से संबंधित है
  • विद्यालयों में टाई, पोशाक का एक अनिवार्य हिस्सा है



प्रश्न - उपनिवेशवाद भारत में पहले शासनों से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर -

  • भारत में काल और स्थान के अनुसार अलग अलग राजाओं का शासन रहा जो आज के आधुनिक भारत को निर्मित करते है
  • औपनिवेशिक शासन किसी अन्य शासन से ज्यादा प्रभावशाली रहा क्योंकि इससे जो परिवर्तन आए वे काफी गहरे और भेदभावपूर्ण रहे है 
  • ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने केवल भूमि स्वामित्व के नियमों को नहीं बदला बल्कि ये भी निर्धारित किया की कौन सी फसल उगाई जाएगी ओर कौन सी नहीं 
  • वस्तुओ के उत्पादन की प्रणाली और उनके वितरण के तरीकों को भी बदल दिया 
  • पेड़ों की कटाई और बागानों में चाय की खेती की शुरुआत की 
  • इन कानूनों ने जंगलों में ग्रामीणों चरवाहों व गड़रियों का जंगलों में जाना प्रतिबंधित कर दिया 



प्रश्न - उपनिवेशवाद के कारण लोगों का आवागमन बढ़ गया। कैसे?

उत्तर -

  • उपनिवेशवाद ने लोगों की आवाजाही को भी बढ़ाया। 
  • भारत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में लोगो का आना जाना चलता रहा। 
  • जैसे झारखंड के लोग उस समय असम के चाय के बागानों में काम करने जाते थे। 
  • उपनिवेशवादी शासन ने भारतीय मजदूरों और सेवाकर्मियों को सुदूर एशिया अफ्रीका और अमेरिका में भेजना शुरू कर दिया



प्रश्न - उपनिवेशवाद के दौरान राष्ट्र राज्य की किस प्रकार उत्पत्ति हुई?

उत्तर -

  • उपनिवेशवाद के दौरान राष्ट्र राज्य की उत्पत्ति पाश्चात्य शिक्षा, राष्ट्रवाद और स्वतंत्रता आंदोलनों के माध्यम से हुई। 
  • उपनिवेशवाद ने स्थानीय संसाधनों का शोषण किया, लेकिन इससे उपनिवेशित लोगों में राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक पहचान जागृत हुई। 
  • पाश्चात्य लोकतांत्रिक और स्वतंत्रता के विचारों ने राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप उपनिवेशों ने औपनिवेशिक शासनों के खिलाफ संघर्ष किया



प्रश्न - भारत में किन शहरों को अंग्रेजों ने बसाया तथा क्यों?

उत्तर -

1. कलकत्ता

  • कोलकाता की स्थापना 1690 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जॉब चार्नोक ने की थी।
  • व्यापारिक केंद्र के रूप में, पूर्वी भारत और बंगाल के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए।

2. बॉम्बे 

  • मुंबई को 1661 में पुर्तगालियों से इंग्लैंड के राजा चार्ल्स द्वितीय को विवाह के दहेज के रूप में दिया गया था, और 1668 में इसे ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंपा गया।
  • पश्चिमी भारत में व्यापारिक गतिविधियों का संचालन।
  • भारत और यूरोप के बीच व्यापार को सुगम बनाया जा सके।

3. मद्रास

  • चेन्नई की स्थापना 1639 में हुई थी जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने राजा से चंद्रगिरी से जमीन खरीदी।
  • दक्षिण भारत में व्यापार को संचालित करने के लिए एक रणनीतिक केंद्र।

4. दिल्ली 

  • नई दिल्ली की स्थापना 1911 में ब्रिटिश भारत की नई राजधानी के रूप में की गई।



प्रश्न - नगरीकरण और औद्योगीकरण का परस्प संबंध है। चर्चा करें।

उत्तर -

  • नगरीकरण और औद्योगीकरण दोनों ही एक दूसरे से गहरे रूप से जुड़े हुए हैं और समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाते हैं।
  • औद्योगीकरण और नगरीकरण दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। 
  • जहाँ औद्योगीकरण से नगरीकरण को बढ़ावा मिलता है, वहीं नगरीकरण औद्योगीकरण के लिए आवश्यक संसाधन और आधारभूत ढांचा प्रदान करता है।

1. नगरीकरण का कारण औद्योगीकरण है

2. नगरीकरण से औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलता है

3. आर्थिक विकास

4. पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव

5. आधुनिक जीवनशैली और सेवाएँ



प्रश्न - स्वतंत्र भारत में एम.एस.ए. राव के अनुसार भारतीय गाँव पर नगरों के प्रभावों की चर्चा कीजिए।

उत्तर -

  • नगरीकरण पर विचार व्यक्त करते हुए समाजशास्त्री एम. एस. ए. राव ने लिखा है कि 
  • भारत के कई गाँव भी तेजी से बढ़ रहे नगरीय प्रभाव में आ रहे थे।
  • नगरीय प्रकृति का प्रभाव गाँवों का शहर से कैसा संबंध है  इस बात पर निर्भर करता है।
  • उन्होंने तीन भिन्न प्रकार के नगरीय प्रभावों की स्थिति की व्याख्या की है
  • नगरीकरण अनेक प्रकार से हो रहा है

पहला

  • ऐसे गांव आते हैं जहां से अच्छी खासी संख्या में लोग दूर-दराज के शहरों में रोजगार के लिए चले जाते हैं वह उन शहरों में रहते है लेकिन उनके परिवार के सदस्य गांव में ही रहते हैं और वह शहरों से पैसे कमा कर गांव भेजते हैं

दूसरा

  • ऐसे गांव जो औद्योगिक शहरों के निकट स्थित है
  • उदाहरण - जब औद्योगिक शहर उभरता है तो उसके आसपास के कुछ गांव की पूरी जमीन उस शहर का हिस्सा बन जाती है 
  • ऐसे शहरों में प्रवासी कामगार आते रहते हैं  जिससे गांव में मकानों की मांग बढ़ जाती है और बाजार का विस्तार होता है 
  • स्थानीय निवासियों का प्रवासियों के बीच के संबंधों को संतुलित करने की समस्या भी उत्पन्न होती है

तीसरा

  • महानगरों का उद्भव और विकास तीसरे प्रकार के शहरी प्रभाव है जिसमें निकटवर्ती गांव प्रभावित होते हैं
  • नगरों के विस्तार में कुछ सीमावर्ती गांव पूरी तरह से नगर के प्रसार में विलीन हो जाते हैं
  • वह क्षेत्र जहां लोग नहीं रहते नगरीय विकास के लिए प्रयोग कर लिए जाते हैं



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